Friday 20 December 2019

भयभीत आंखें

जहां पर बोलना है, वहां चुप रह जाते हो;
और जहां चुप रहना है, वहां चीख मचाते हो।

जहां सिर कटे मेरे जवान का, वहां शांतिदुत आ जाते हैं,
जब आतंकी मरता है, वहां नकली अवार्ड फिकते हैं।

मिशन स्कूल के ये छात्र, सारी बकवास सुनते हैं;
अगर मां-बाप संस्कार सिखाते हैं, तो पंखे से झूल जाते हैं।

गगन चुम्बी कबाड़ की माल मे, जेब खाली करते हैं;
पर शिक्षा-स्वास्थ के लिये, मुफ्तखोरी मांगते हैं।

सड़्क जाम के काले धुंए से, हवा तबाह कर देते हो;
पर जब दम घुटता है तो, पराली को गाली देते हो।

टपोरियों-मवालियों से, प्यार जताते रहते हो;
जब अपनों को प्यार देना है, वहां नाता भूल जाते हो।

वोट डालने को समय नहीं, फिर पांच साल रोते हो;

देश्भक्तों को भूल, जिहादियों से पिसते हो।


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