भूल गये बड़ी जल्दी
से,
वीरों के बलिदनॉ को,
अकेला पार्थ खड़ा सरहद
पर,
भारत देश बचाने को।
वोट-वोट करते, खड़े जिहादि साथ,
भूल गये रिसते घावों
को,
कुनबा सुपर्नखा-दु:शासन
का,
चला देश डुबाने को।
समर भयंकर है सामने,
राष्ट्र-धर्म का क्रंदन
देखो,
झुक करो इन्हें
प्रणाम,
भूलो मत बलिदानों को।
भाग्यवान हो इनके
रहते,
सोते हो सुख की नींद,
सावधान हो शत्र्रु पासों
से,
मत भागो भरमानो को।
सभी विपक्षी साथ खड़े,
चीन-पाक के कहने पर,
पर मत भूलो मतवालों को,
जो पूजते भारत-भूमि को।
आतंकी लादेन भक्त खडे,
ढुंडे एक जयचंद को,
अजाने देश मिटाने को,
बैठे साथ सुनाने को।
मत भूलो उन वीरों को,
नामेवंश मिटाते शत्रु
का,
करे प्रताणित, माता भारत को,
मिटा दें उनकी हस्ती
को।
मत भटको लुभावन नारों
से,
पर याद रखो सीमा प्रहरी
को,
जो मनवाते होली और दीवाली,
रष्ट्र भक्त जजमानो को।
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