गायब उदासियाँ
अरसे से छाई जिंदगी में परेशानियाँ ,
सारे जगत में फैल
गईं उदासियाँ ।
रौनक गायब हुई जब
था खौफ तेरा , 
तेरे डर से छाई हवा
मै उदासियाँ । 
कोरोना था हम-क़दम
और दुष्वारियॉं , 
तो थी राह मै डरावनी
उदासियाँ । 
तेरे रहते बहुतेरे
खुश भी थे , 
शैतान फेल्चिओं
से दूर थी उदासियाँ ।
आनलाइन खुदा के
रहमो करम से, 
खेल गयीं- झूम
गयीं बहकी उदासियाँ । 
ओबीएम खुदा के प्यार
के असर से , 
फेकचियौं से डर
कर भागी उदासियाँ ।                                            
उदासियों में भी
कुछ को ख़ुशी का सबब मिला ,  
नकलचियौं के
सामने सहमीं उदासियाँ । 
अफीमचियौं के हक़
में हाथ उठे लाख हाथ , 
चिलम्चियौं की दुआ
के असर से डरीं उदासियाँ
सौ में से सौ
नम्बर की खुश्बु आई
नम्बरों की
इलायची से हूईं गायब उदासियाँ । 



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