Monday, 22 August 2022

ओ.बी.एम. इम्तहान

 कोरोना दूसरा बाप है सबका ,

खौफ दिखाता है सबको मौत का ।

संसार में आतंक लाने से पहले ,

मारकाट कर मिटाया घमंड चीन का ।

 

जन्म लेते ही मारा बाप चीन को ,

देश, वायु, पानी और वामियौं को ,

मार कर रुलाया-सुलाया उनको ,  

जीते जी मौत का भय दिखाया उन को।

 

मौत के आतंक मै भी मद-मस्त, 

उछ्ल कूद रहे थे सारे फेलची,

मिल गया ओबीएम नकलची,

जश्न मना रहे सारे अफीमची । 

 

नम्बर की बरसात हुई -सौ में सौ ,

फूल गये-झूम गये, सारे चिलमची,

मिला ऑनलाइन खुदा फेकची,

जिसने बनाया गधे को नामची ।

 

ख़ाईं सबने सौ-सौ इलायची ,

दुनियां को लगने लगी लाल मिर्ची ।

छूट गये पीछे सारे किताबी तोपची ,

इम्तहान बन गये मसखरे शेखची ।

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