Monday, 10 December 2018

जिंदगी का सबक



कभी खुशियॉ मे,
और कभी गम मे,
हर पल घट्ती रहती है,  
ये जिंदगी है मेरे भाई।

यहॉ पाने को कुछ नही,
यहॉ खोने को भी कुछ नही,
साथ जीने को कोई नही,
साथ मरने को कोई नही।

फिर भी चिंता मे डुबा जमाना है,
कि कही कुछ खो गया है,
पर जिंदगी की इस घटतोली को,
कोई रोक नही पाया है।

कोई रफू नही कर सकता,
जिंदगी मे गमॉ के धब्बॉ को,
बस खुशियॉ के पलॉ को,
सहेजने मे ही खो जाते हैं।

जिंदगी कोई पहेली नही है,
जिंदगी कोई रूठी प्रेमिका नही है,
बस जो आज साथ मे है,
वही एक छोटी सी जिंदगी है।

मिलने को हर साया,
बड़े प्रेम से मिलता है,
पर दिल मे झॉक-कर देखा तो,
स्वार्थ हॅसता-खेलता देखा।

जिंदगी के पन्नॅ की कोई,
जिल्द नही होती,
पर बिखरते ख्वाबॉ को कोई,
सहेजते जिल्द्साज नही देखा।

लफड़ा ही सारी जिंदगी का,
ख्वाईश और घमंडॉ का है,
कोई आज गम नही खाता,
कोई आज कम नही खाता।

घंटी बजाते रहो,
अपने-परायॉ के दिल की,
मूलाकातॅ ना सही,
खुशबू तो आती रहगी यादॉ की।

आवाज सुनाती है, दास्ताने खानदान,
बात सुनाती है, दास्ताने ज्ञान, 
अकड़ दिखाती है, दास्ताने खजाना,
व्यवहार बताता, दास्ताने परिवार्।  

पर गायब हो जयॅगे सब,
कलाकार के रंगॉ की तरहा, 
हम उड़्ते वक्त के साये हैं,
बैठे हैं सायॉ की तरहा

यहॉ ना मेरा घॉसला है,
और ना तेरा घॉसला है,,
ना तुझे कुछ खोना है,
ना मुझे कुछ पाना है।

जिंदगी मे जीने के,
दो ही रास्ते हैं,
तुझे प्यार करना नही आता,
और मुझे प्यार के सिवा कुछ् नही आता।



No comments:

Post a Comment