वक्त
बहुत बुरा पहुंच जाएगा,
बिना
बुलाए ही आ जायगा,
मत
खोल गंदी परतों को तू ,
कोई खुदा बचाने नहीं
आएगा।
जमाती
मिशनरी जलसे में बहकायेंगे,
पर
कोरोना के आते भाग जाएंगे,
इसकी आग से ना बच पायेगा तू ,
बचोगे,
तभी मोदी से
लड़ पाओगे।
नफ़रत
की दुकानें बंद हो जाएगी,
जमात
की सियासत काम ना आयेगी,
देश के वास्ते, थूक अंदर ही
रख तू ,
ये
नये खुदा ही तेरी जान बचाएंगे।
खौफ के मंजर से सूरत बदल जायेगी,
महफिल में साजों की आवाज बद्ल जायेगी,
अब तो समझ जा ऐ जाहिल तू ,
कोई इबादत तेरे सांस नहीं बचा पायेगी।
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