वीर तुम पड़े रहो,
धीर तुम पड़े रहो,
सामने चुनाव है,
वोट की दहाड़ है,
तुम मगर हिलो नही,
तुम मगर डुलो नही।
लड़ाई अब प्रचंड है,
कोटा के लिये,
पड़े रहो, अड़े रहो,
लड़्ते रहो, रोते रहो,
गिरते रहो, पड़्ते रहो,
पिटते रहो, छितते रहो।
तुम मगर डरो नही,
तुम मगर गिरो नही।
कोटा ही पतझड़,
कोटा ही सावन,
कोटे के लिये,
जीते रहो, मरते रहो।
No comments:
Post a Comment