Wednesday, 19 February 2020

फोकट बाबा की जय



आज हमारे देश में एक नये बाबा का अवतार हुआ है। वह हैं सर्व शक्तिमान फोकट बाबा। इन बाबा की विषेशता यह है कि इन महान बाबा में हर धर्म, हर जाति, हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोगों की अपार श्रद्धा है। राजनेता इन बाबा के सबसे बडे भक्त हैं। इन बाबा की सबसे बडी कृपा भी इन्ही भक्तों पर रहती है।
अभी हाल में सम्पन हुये दिल्ली विधांनसभा के चुनावों में फोकट बाबा ने अपना प्रताप एवम चमत्कार सबको दिखाया। फोकट बाबा के आशीर्वाद से फोकट की बिरयानी, महिलाओं को फोकट की बस यात्रा, फोकट की बिजली-पानी, फोकट की इमामों को तनख्वा, फोकट के क्लिनिक आदि सबसे ज्यादा प्रतापी मुद्दे रहे। फोकट बाबा की महिलाओं पर विषेश कृपा रही। बाबा ने महिलाऑं को दिन में धरने पर बैठ्ने के पांच सॉ रुपये, तथा धरना स्थल पर रात में सोने के एक हजार रुपये दक्षिणा में दिलवाये। फोकट बाबा के आशीर्वाद का दादियों, आपाओं, खालाओं और बीजीयों ने भरपूर लाभ उठाया।      
इन फोकट बाबा के अवतार का इतना प्रताप है कि सभी अपने इश्ट्देव भूलकर अपनी नैय्या पार करवाने के लिये इन बाबा की शरण में आ गये हैं। लेनिन भक्त, अम्बेड्कर भक्त, मौहम्म्द भक्त, आरक्षण भक्त आदि सभी अपने इश्ट्देवों को भूल कर इन बाबा की शरण में हमेशा खड़े रहते हैं। ये बाबा देवों के देव बन चुके हैं। इन बाबा के सबसे प्रिय भक्त श्री केजरीवाल है जिन पर इन फोकट बाबा की चमत्कारिक कृपा है।  
फोकट बाबा की कृपा से आज सभी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा तथा कक्षायें लगभग खत्म हो चुकी हैं तथा छात्र फोकट की डिग़्री तथा कर्मचारी एवम शिक्षक फोकट का वेतन लेकर मजे ले रहे हैं। जे.एन.यू, जामिया, अ.मु.वि, आदि का यही हाल है जो फोकट बाबा की कृपा से हमेशा बंद ही रहते हैं तथा सभी फोकट में जीवन आनंद ले रहे हैं।  
इन फोकट बाबा के जनक, बाबा अम्बेड्कर को कहा जा सकता है। बाबा अम्बेड्कर ने आरक्षण प्रारम्भ करके फोकट बाबा के प्रकट होने का मार्ग प्रशस्त किया। बाबा अम्बेड्कर ने आरक्षित वर्ग में कुछ जातियों को शामिल करके फोकट बाबा के महान धर्म-ग्रंथ का शुभारम्भ एवम आधारशिला रखी। फोकट बाबा का प्रताप इतना है कि आज आरक्षित वर्ग ग्रंथ मे हजारों-हजारॉ जातियां जुड़ चुकी हैं और उनकी इसमें परम आस्था है। फोकट की नौकरियॉं, शिक्षा के अलावा सैकड़ों तरह की फोकट की आर्थिक मदद इन बाबा की कृपा से सालों-साल एवम पीढी-दर-पीढी मिलती रहती है। फोकट के लाभ के कारण आज सभी देशवासी पिछ्णे और गरीब होने में गर्व महसूस करते हैं जिससे कि फोकट बाबा की कृपा बनी रहे।
फोकट बाबा भक्ति युग की, फोकट बाबा के परम भक्त स्वर्गीय ज्योति बसु ने मजबूत आधारशिला बंगाल में रखी तथा फोकट के प्रसाद रूपी स्कीम के द्वारा लगभग तीन दशक तक बंगाल पर राज किया। ये अलग बात है कि उन्होंने फोकट बाबा को इतना लूटा कि बंगाल एकदम बर्बाद एवम कंगाल हो गया। देश एवम राज्य बर्बाद होते गये, पर फोकट बाबा के श्रध्धालु बढ्ते गये। स्वर्गीय एम.जी.रामाचंद्रन, स्वर्गीय जयाललिता, स्वर्गीय करुणानिधि, स्वर्गीय एन.टी.रामाराव, स्वर्गीय राजमोहन रेड्डी, सर्व श्री नवीन पट्नायक, जगन रेड्डी, चंद्रशेखर राव, ममता बैनर्जी, मायावती आदि, फोकट बाबा के परम भक्त हैं। फोकट बाबा के प्रताप एवम आशिर्वाद से ये नेता फल-फूल रहे हैं पर इनके राज्य बर्बाद हो रहे हैं।
फोकट बाबा का प्रताप इतना बढता जा रहा रहा है कि आज मां-बाप अपनी बेटियों की शादी भी नहीं करते हैं। वे फोकट बाबा से प्रार्थना करते रहते हैं कि बाबा की कृपा से उनकी बेटी कहीं प्रेम-विवाह करके भाग जाये और वे सारी जिम्मेदारियों एवम खर्च से बच जायें। फोकट बाबा का प्र्ताप इतना बढ गया है कि अब लोग फोकट के पास, फोकट की टिकट, फोकट का लंगर, फोकट के वस्त्र, फोकट का अनाज  आदि का भोग बढे गर्व के साथ करते हैं। इतना ही नही आज  लोग कर्ज भी ना देने के लिये ही लेते हैं और फोकट बाबा के भक्तों से प्रर्थना करते रहते हैं कि उनका कर्ज माफ हो जाये।
आज देश एवम समाज में फोकट बाबा का प्रताप एवम कृपा इतनी बढ गयी है कि सारा देश उनका भक्त बन गया है और सभी फोकट की शिक्षा, चिकित्सा, यात्रा, मकान, भूमि, मकान, लैपटाप, फोन, वस्त्र, भोजन, कर्ज, आदि फोकट में ही लेना चहते हैं।
डा.मन मोहन सिंह का आर्थिक सुधार एवम रिफार्म और अमर्त्य सेन नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्र में फोकट व्यवस्था का अहम रोल है। ये सब फोकट बाबा का ही चमत्कार है।
आज बाबा फोकट देश के सर्वोच इष्ट्देव ही नहीं हैं बल्कि हमारा देश फोकट भोग्या धरा बन गया है।

Tuesday, 11 February 2020

Liberated from worldly fun



Hovering and dancing in this magical world,
Nobody can avoid the maddening crowd’s thud,
The noise and the dust of the worldly affairs,
None can escape the dark laws and the cruel legislators,
Where rulers throwing the freebies for fun, 
Blinding the layers of heart, mind and bun.
Masses cannot understand this by their jaundiced eyes.
The eyes are blurred to see this clear vice.


The purity of heart and mind is an endangered value;  
The soul is dead to see the vision higher and blue,
To touch the glory designed by divine charisma, 
To be in the blissful arms of Krishna,
To sense ecstasy, truth, love feels solace,
Enjoying the being in fulfilment and joys.







THE DEBT NEVER PAID


My father does not realize,
what being alone a tough size is.
He gazes at us moves by in shadows,
Days spent with him are green meadows. 
He has a strong will to forget the sweet past;
He thinks he has completed his job last. 
Of life for which he was never paid,
But he knows not whom to sue trade.


He must be remembering us all,
Uncovered life in which he loved his call. 
Never betrayed wife, sons and family ways,
Possesses a human face to deserve praise. 
When he can’t do something, he moves God’s cabins,
Where he will be listened, till that happens.
He uses his knowledge of six decades blend,
To control the vibes and swiftly happy end.  


The image of love humans clean,
In the mind pious, too serene. 
For my confused eyes and raw mind thus.
He will do all he can to protect us.
His fatherly umbrella still missed,      
World too difficult to feed.
While he assumes us to be happy,
But left us behind high and dry.







Missing my Mother



In my house, the voice that chimes;
is the song that I lost in the dark byes.
That soul whose rebuke glued my smiles,
Has stopped suddenly out of cries.          
Hours of love, she oiled my hair and body fines; 
frail hands rubbing and mopping my hair and body vibes.
Her wrinkled face with tired eyes,
Her steps, far across isolated distances flies. 

I see her in the nights when it is dark and cold,
And feel her hands on my forehead folds.
In my ears, she whispers her warmest words,
and I hear her voice through the thundering lords.
How firm she stays and shines with ideas bold,
Her presence and aura those still fly untold.